पंचकूला में शुरू हुआ 11वां इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF 2025): 'विज्ञान से समृद्धि' की ओर एक कदम


🚀 पंचकूला में शुरू हुआ 11वां इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF 2025): 'विज्ञान से समृद्धि' की ओर एक कदम

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हरियाणा बना विज्ञान का नया केंद्र!
हरियाणा के पंचकूला में 11वां इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) 2025 का भव्य आगाज हो चुका है। 6 से 9 दिसंबर तक चलने वाला यह प्रतिष्ठित विज्ञान महोत्सव न केवल हरियाणा के लिए, बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक गौरव का क्षण है, क्योंकि यह पहली बार है जब इतना बड़ा वैज्ञानिक आयोजन इस क्षेत्र में हो रहा है।
देशभर से हजारों युवा छात्र, शोधकर्ता और विज्ञान प्रेमी इस फेस्टिवल में भाग लेने के लिए पंचकूला के सेक्टर-5 स्थित दशहरा ग्राउंड में जुटे हैं।
IISF 2025 की थीम: 'विज्ञान से समृद्धि – आत्मनिर्भर भारत'
इस वर्ष के साइंस फेस्टिवल की मुख्य थीम है "विज्ञान से समृद्धि – आत्मनिर्भर भारत"। यह थीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है।
IISF 2025 का उद्देश्य देश के युवाओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नवाचार को बढ़ावा देना है, ताकि वे विज्ञान के माध्यम से देश के विकास में अपना योगदान दे सकें।
क्या है खास इस विज्ञान महोत्सव में?
इस चार दिवसीय साइंस फेस्टिवल में कई महत्वपूर्ण सत्र और कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जो इसे छात्रों और वैज्ञानिकों के लिए एक अनूठा मंच बनाते हैं:
 * विशेषज्ञों से सीधा संवाद: छात्रों को ISRO और DRDO सहित देश के अन्य प्रतिष्ठित वैज्ञानिक संस्थानों के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं से सीधे बातचीत करने का अवसर मिल रहा है।
 * इंटरैक्टिव सत्र: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्वांटम टेक्नोलॉजी, जीनोम एडिटिंग, न्यू स्पेस टेक्नोलॉजी और ब्लू इकोनॉमी जैसे आधुनिक वैज्ञानिक विषयों पर विशेष सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।
 * भव्य एग्जीबिशन: इसमें देश की वैज्ञानिक प्रगति और नवीनतम शोध कार्यों को प्रदर्शित करती हुई एक विशाल प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसका अवलोकन आम नागरिक भी कर सकते हैं।
 * युवा केंद्रित कार्यक्रम: युवा वैज्ञानिकों के लिए हैकाथॉन, स्टार्टअप शोकेस, और विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं के लिए विशेष सत्र भी शामिल हैं।
> याद रखें: IISF 2025 केवल एक अकादमिक सम्मेलन नहीं है, बल्कि यह उत्सव, संचार और करियर (Celebration, Communication and Career) का एक अद्भुत संगम है, जैसा कि केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने उद्घाटन के अवसर पर बताया।
क्यों महत्वपूर्ण है यह फेस्टिवल?
इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) 2025 भारत को विज्ञान और नवाचार-आधारित राष्ट्र के रूप में विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह महोत्सव प्रयोगशालाओं और समाज के बीच एक सेतु का काम करता है, वैज्ञानिक ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाता है, और युवाओं को विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करता है।
पंचकूला को इस आयोजन के लिए चुनना इस बात का संकेत है कि भारत सरकार देश के सभी क्षेत्रों में वैज्ञानिक जागरूकता और विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
क्या आप पंचकूला में चल रहे इस साइंस फेस्टिवल की किसी विशेष गतिविधि या सत्र के बारे में अधिक जानना चाहेंगे?

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